भगवान गणेश जी की पूजा सभी देवी देवताओ में सबसे पहले की जाती है! हर धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की जाती है और हर शुभ अवसर पर श्री गणेश जी को पहला निमंत्रण भेजा जाता है!
गणेश जी को पार्वती जी का दुलारा कहा जाता है, गणेश जी को गजानंद के नाम से भी जाना जाता है यही कारण है कि समस्त भक्तजन इनकी दुःख हरता के नाम से आरती करते हैं| ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की आरती गाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं|. हिन्दू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना जाता है। हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र माने जाने वाले श्री गणेश जी के पूजा में उनकी आरती का विशेष महत्व है जो निम्न है। आरती को सेव कर पढ़े

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय…

एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय…

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय…

हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय…

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय…

श्री गणेश जी की आरती (Shri Ganesh Ji Ki Aarti)

Ganesha